Big Book's Hindi Stories
Big Book's Hindi Stories
Bigg Book Ka Kahani
Bachho Ki Hindi Kahani
1.कछुआ और खरगोश
- एक बार, एक खरगोश घमंड के कारण जिससे मिलता उसे रेस लगाने के लिए चुनौती देता था।
- कछुए ने उसकी चुनौती स्वीकार कर ली।
- रेस हुई। खरगोश तेजी से भागा और काफी आगे निकल गया l
- खरगोश पीछे मुड़ कर देखा, कछुआ कहीं आता नज़र नहीं आयाl
- खरगोश ने मन ही मन सोचा कछुए को तो यहां तक आने में बहुत समय लगेगा, चलो थोड़ी देर आराम कर लेते हैंl
- खरगोश एक पेड़ के नीचे लेट गया। लेटे-लेटे कब उसकी आंख लग गई पता ही नहीं चला।
- उधर कछुआ धीरे-धीरे मगर लगातार चलता रहा।
- बहुत देर बाद जब खरगोश की आंख खुली तो कछुआ लक्ष्य तक पहुंचने वाला था।
- खरगोश तेजी से भागा, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी और कछुआ रेस जीत गयाl
शिक्षा: कोई काम असंभव नहीं है l जी तोड़ मेहनत और कोशिश करने से जीत निश्चित है l
2.बंदर और मगरमच्छ
- नदी के किनारे जामुन के पेड पर एक बंदर रहता था।
- नदी में एक मगरमच्छ अपनी बीवी के साथ रहता था।
- धीरे-धीरे मगरमच्छ और बंदर में दोस्ती हो गई।
- बंदर पेड़ से मीठे-मीठे रसीले जामुन गिराता था और मगरमच्छ उन जामुनों को खाया करता था।
- एक बार कुछ जामुन मगरमच्छ अपनी बीवी के लिए ले गया।
- मीठे और रसीले जामुन खाने के बाद मगरमच्छ की पत्नि ने सोचा कि जब जामुन इतने मीठे हैं तो इन जामुनों को रोज खाने वाले बंदर का कलेजा कितना मीठा होगा?
- उसने मगरमच्छ से कहा कि तुम अपने दोस्त बंदर को घर लेकर आना। मैं उसका कलेजा खाना चाहती हूँ।
- अगले दिन मगरमच्छ बन्दर को लेकर अपने घर गया l
- घर जाते ही मगरमच्छ की पत्नी ने बन्दर का कलेजा खाना चाही l
- बन्दर तुरंत चालाकी दिखाते हुए कहा की- अरे! मैं तो मेरा कलेजा पेड़ पर ही भूल आया l मुझे वापस लेने जाना होगा l
- मगरमच्छ की लालची पत्नी तुरंत मान गयी और बन्दर को कलेजा लाने भेज दियाl
- बन्दर वापस जाकर तुरंत पेड़ पर चढ़ गया l और कहा मुर्ख कलेजे के बिना भी कोई जिन्दा रहता है? जा आज से तेरी मेरी दोस्ती ख़त्म l
शिक्षा: हमेशा अच्छे दोस्त बनायें l किसी मुसीबत में फंस जाने पर घबराएँ नहीं बुद्धि से काम लें l
3.चिड़िया की परेशानी
- एक चिड़िया थी, वह बहुत ऊँची उड़तीl
- कभी इस टहनी पर कभी उस टहनी पर फुदकती रहती थी |
- उस चिड़िया की एक आदत थी वह जो भी दिन में उसके साथ होता अच्छा या बुरा उतने पत्थर अपने पास पोटली में रख लेतीl
- और अकसर उन पत्थरो को पोटली से निकाल कर देखती अच्छे पत्थरो को देखकर बीते दिनों में हुई अच्छी बातो को याद करके खुश होती |
- और खराब पत्थरो को देखकर दुखी होती |ऐसा रोज़ करती |
- रोज़ पत्थर इकठा करने से उसकी पोटली दिन प्रतिदिन भारी होती जा रही थी|
- थोड़े दिन बाद उसे भरी पोटली के साथ उड़ने में दिक्कत होने लगी | पर उसे समझ नहीं आ रहा था की वह उठ क्यों नहीं पा रही |
- कुछ समय और बीता, पोटली और भारी होती जा रही थी | अब तो उसका जमीन पर चलना भी मुश्किल हो रहा था |
- और एक दिन ऐसा आया की वह खाने पीने का इंतज़ाम भी नहीं कर पाती अपने लिए और अपने पत्थरो के बोझ तले मर गयी .
शिक्षा: बीते हुए बातों को सोंच सोंच कर दुखी ना होयें, वर्तमान का आनन्द लेंl
4.हाथी और रस्सी
1. एक बार एक व्यक्ति, एक हाथी को रस्सी से बांध कर ले जा रहा था |
2. एक दूसरा व्यक्ति इसे देख रहा था | उसे बढ़ा आश्चर्य हुआ की इतना बढ़ जानवर इस हलकी से रस्सी से बंधा जा रहा है
3. दूसरे व्यक्ति ने हाथी के मालिक से पूछा ” यह कैसे संभव है की इतना बढ़ा जानवर एक हलकी सी रस्सी को नहीं तोड़ पा रहा और तुम्हरे पीछे पीछे चल रहा है|
4. हाथी के मालिक ने बताया जब ये हाथी छोटे होते हैं तो इन्हें रस्सी से बांध दिया जाता है
5. उस समय यह कोशिश करते है रस्सी तोड़ने की पर उसे तोड़ नहीं पाते | बार बार कोशिश करने पर भी यह उस रस्सी को नहीं तोड़ पाते
6. तो हाथी सोच लेते है की वह इस रस्सी को नही तोड़ सकते और बड़े होने पर कोशिश करना ही छोड़ देते हैl
शिक्षा: किसी भी बात के भ्रम में ना रहें lनकारात्मक ना सोंचे और हमेशा कोशिश करते रहें l
5.बिल्ली रास्ता काटा
- एक समय की बात है एक गावो में शादी होकर नयी बहु आई |
- चारो तरफ ख़ुशी का माहौल था |
- अब समय था बहु के ग्रहप्रवेश का |
- उसी समय सास देखती है की एक बिल्ली घर में घुस आई है वो बहु का रास्ता काटने ही बाली थी |
- सास थी थोड़े पुराने विचार की उसने एक टोकरी उठाई और उस बिल्ली के उपार डाल दी ताकि बिल्ली बहु का रास्ता न काट सके |
- बहु ने सास को बिल्ली के उपर टोकरी रखते हुए देख लिया था |
- समय बीता और बहु के एक लड़का पैदा हुआ |
- वह अब विवाह लायक हो गया और लड़के की शादी की गयी |
- बहु के ग्रहप्रवेश की बारी आयी |
- सास ने कहा हमारे यहं रिवाज है जब कोई नयी बहु आती है तो बिल्ली को टोकरी से ढककर बहु का ग्रहप्रवेश होता है |
शिक्षा: किसी भी टोटके पर विश्वास ना रखें l उसे अनदेखा करें l
6.लोमड़ी और मूर्ख कौआ
- एक जंगल में एक लोमड़ी अपनी भूख मिटाने के लिए भोजन की खोज में इधर– उधर घूमने लगी.
- जब कुछ ना मिला तो भूख से परेशान होकर एक पेड़ के नीचे बैठ गई.
- अचानक उसकी नजर ऊपर गई. पेड़ पर एक कौआ बैठा था और उसके मुंह में रोटी का एक टुकड़ा था.
- कौवे के मुंह में रोटी देखकर उस भूखी लोमड़ी के मुंह में पानी भर आया.
- वह कौवे से रोटी छीनने का उपाय सोचने लगी. उसे अचानक एक उपाय सूझा
- लोमड़ी ने कौवे को कहा, ”कौआ भैया! तुम बहुत ही सुन्दर हो और अच्छा गाते होl क्या मुझे गीत नहीं सुनाओगे ?
- लोमड़ी की मीठी मीठी बात सुनकर कौआ बहुत खुश हुआ और बिना सोचे-समझे उसने गाना गाने के लिए मुंह खोल दिया.
- उसने जैसे ही अपना मुंह खोला, रोटी का टुकड़ा नीचे गिर गया.
- भूखी लोमड़ी ने झट से वह टुकड़ा उठाया और वहां से भाग गई और कौआ अपनी मूर्खता पर पछताने लगा.
शिक्षा: झूठी प्रशंसा से हमें बचना चाहिए l
7.दो बिल्लियाँ और बन्दर ( Two cats and a monkey)
- एक नगर में दो बिल्लियाँ रहती थी.
- एक दिन उन्हें रोटी का एक टुकड़ा मिला.
- वे दोनों आपस में लड़ने लगी क्योकि उस रोटी के टुकड़े को दो समान भागों में बाँटना चाहती थी
- उसी समय एक बन्दर उधर से निकल रहा था. वह बहुत ही चालाक था.
- उसने बिल्लियों से लड़ने का कारण पूछा. बिल्लियों ने उसे सारी बात सुनाई.
- वह तराजू ले आया और बोला, ” लाओ, मैं तुम्हारी रोटी को बराबर बाँट देता हूँ.
- उसने रोटी के दो टुकड़े लेकर एक – एक पलड़े में रख दिए.
- वह बन्दर तराजू में जब रोटी को तोलता और जिस पलड़े में रोटी अधिक होती,
- बन्दर उसे थोड़ी – सी तोड़ कर खा लेता.
- इस प्रकार थोड़ी –थोड़ी रोटी खा खा कर पूरी रोटी खत्म होगया और बिल्लियाँ उसका मुँह देखती रह गई.
शिक्षा: आपस में मेल प्रेम से रहें, हर मुसीबत का समाधान मिल कर करें नहीं तो कोई तीसरा अपना फायदा निकाल सकता है l
8.एक गरीब किसान की कहानी
- एक गांव में एक किसान रहता था| वह एक कुआं खोदना चाहता था|
- एक दिन उसने कुआं खोदना शुरू किया|कुछ फीट तक खुदाई करने पर भी जब उसे पानी नहीं दिखाई दिया तो वह निराश हो गया|
- फिर उसने दूसरी जगह खुदाई की किंतु पानी कहीं पर भी नहीं निकला|
- इस तरह 6-7 जगहों पर उसने खुदाई की, किंतु उसे पानी नसीब नहीं हुआ|
- फिर वह बहुत दुखी और निराश होकर घर लौट गया|
- अगले दिन उसने सारी बात अपने बुजुर्ग पिताजी को बताई| उसने समझाते हुए कहा:- “तुमने पांच अलग-अलग जगहों पर 6-7 फुट के गड्ढे खोदे लेकिन फिर भी तुम्हें कुछ हाथ नहीं लगा|
- पर यदि तुम अलग-अलग स्थान के बजाय एक ही स्थान पर इतना खोदते, तो तुम्हें पानी अवश्य मिल जाता| तुमने धैर्य से काम नहीं लिया और थोड़ा-थोड़ा खोदकर अपना निर्णय बदल लिया|
- आज तुम एकाग्रता से एक ही स्थान पर गड्ढा खोदो और जब तक पानी दिखाई नहीं दे तब तक खोदना जारी रखना| तुम्हें सफलता ज़रूर मिलेगी|”
- उस दिन किसान ने दृढ़ निश्चय करते हुए एक बार फिर खुदाई शुरू कर दी| लगभग 25-30 फुट की खुदाई हो जाने पर कुवें से पानी निकल आया|
- यह देखकर किसान बहुत खुश हुआ और अपने पिताजी को धन्यवाद दिया |
शिक्षा: किसी कार्य को पूरी एकाग्रता के साथ किया जाए तो उसमें सफलता ज़रूर मिलती है|
9. दो घड़े
लेखक: सूर्यकांत त्रिपाठी निराला (भारत दर्शन-हिंदी साहित्य पत्रिका से)
- एक घड़ा मिट्टी का बना था, और दूसरा पीतल का।
- दोनों नदी के किनारे रखे थे।
- इसी समय नदी में बाढ़ आ गई,
- बहाव में दोनों घड़े बहते चले गये ।
- बहुत समय मिटटी के घड़े ने अपने को पीतलवाले से काफी फासले पर रखना चाहा।
- पीतलवाले घड़े ने कहा, ''तुम डरो नहीं दोस्त, मैं तुम्हे धक्के न लगाऊँगा।''
- मिटटी वाले ने जवाब दिया, ''तुम जान-बूझकर मुझे धक्के न लगाओगे, सही है; मगर बहाव के वजह से हम दोनों जरुर टकराएंगे।
- और तुम्हारे बचाने पर भी मैं तुमसे न बच सकूँगा और मेरे टुकड़े-टुकड़े हो जाएंगे। इसलिए अच्छा है हमदोनो अलग-अलग रहें l'
शिक्षा: जिससे तुम्हारा नुकसान हो रहा हो, उससे अलग रहना ही अच्छा है, चाहे वह उस समय के लिए तुम्हारा दोस्त भी क्यों न हो l
10. चुन्नी-मुन्नी
लेखक: हरिवंश राय बच्चन (भारत दर्शन-हिंदी साहित्य पत्रिका से)
- मुन्नी छह वर्ष की है,और चुन्नी पांच की। दोनों सगी बहने है।
- माँ दोनों के लिए समान गहने खरीद देती है l
- मुन्नी पांचवी और चुन्नी चौथे में पढ़ती हैं l
- मुन्नी परीक्षा में पास हो गयी लेकिन चुन्नी फेल l
- मुन्नी ने पास हो जाने पर ईश्वर को मिठाई चढ़ाना चाही, माँ ने उसके लिए मिठाई मँगा दी।
- चुन्नी ने उदास होकर धीमे से अपनी माँ से पूछा,जो फ़ेल हो जाता है क्या वह ईश्वर को मिठाई नहीं चढ़ाता?
- इस भोले सवाल से माँ गदगद हो गयी और कही क्यों नहीं बेटीl हर कोई ईश्वर को चढ़ा सकता हैl
- चुन्नी ने खुशी से माँ के गले लग गयी l
शिक्षा: हर सुख-दुःख में ईश्वर को धन्यवाद देना चाहिए l
11. लालची कुत्ता
- एक बर एक कुते को बहुत जोर से भुक लगी थी।
- तभी उसे एक रोटी मिली, रोटी को शांति पूर्वक खाने की इच्छा से वो एकांत में जाना चाहा l
- रोटी को मुह में लेकर कुत्ता नदी के उस पार जाने लगा l
- पुल के उपर से नदी पार करते हुए उसने अपनी परछाई को नदी में देखा l
- अपनी परछाई को दूसरा कुत्ता समझ कर उससे रोटी छिनना चाहा l
- कुत्ता भौंकते हुए नदी में छलांग लगा दिया l
- मुह खोलते ही रोटी पानी में गिरकर बह गयी और कुत्ता भूखा रह गया
शिक्षा:लालच नहीं करना चाहिए l
12. प्यासा कौआ
- किसी जंगल में एक कौआ था उसे एक दिन प्यास लगी l
- पानी की तलाश में वो इधर उधर भटकने लगी पर पानी नहीं मिला l
- आखिर उसे एक घड़ा दिखाई दिया जिसमें बहुत थोड़े ही पानी था l
- जब उसने पानी पीना चाही तो उसकी चोंच पानी तक नहीं पहुची l
- कौआ बैचन हो उठा तभी एक तरकीब सूझी l
- कौआ ने इधर उधर से बहुत सारा कंकड़ घड़ा में डालती रही जब तक की पानी उपर नहीं आयाl
- फिर कौआ ने जी भर कर पानी पिया l
शिक्षा: परिस्थिति को देखकर ना घबराएँ मेहनत और सहनशक्ति से काम लें l
13. लालची कबूतर (भाग 1)
- किसी जंगल में एक बड़ा सा पेड़ था l
- उस पेड़ पर बहुत सारे चिड़िया विश्राम किया करते थे l
- एक बहेलिया भी, प्रतिदिन पेड़ के निचे दाना डालकर जाल बिछाकर कुछ चिड़ियों को पकड़ा करता था l
- हर दिन की तरह आज भी बहेलिया दाना डालकर जाल बिछाया था l
- तभी कबूतरों का एक झुण्ड आकर बड़े पेड़ पर रुकते हैं l
- कबूतरों ने निचे दाना देख उतर कर चुगना चाहा l
- कबूतरों के मुखिया नें कहा “जरुर कुछ गड़बड़ है यहाँ दाने नहीं चुगने चाहिए l”
- कबूतरों ने अपनी मुखिया का बात ना सुनकर दाने चुनने निचे उतर गये और जाल में फंस गये l
शिक्षा: हमें अपने से बड़ो की बात माननी चाहिए और लालच नहीं करनी चाहिए l
14. लालची कबूतर (भाग 2)
- लालच के वजह से सारे कबूतर जाल में फंस गये थे l
- सारे कबूतर रो रो कर अपने मुखिया से माफ़ी मांगकर बचाने का गुहार लगाने लगे l
- मुखिया कबूतर को एक तरकीब सूझी और कहा “सभी एक साथ उड़कर मेरे पीछे आओ l”
- सभी कबूतर जाल के साथ एक ही दिशा में उड़े और बहेलिया देखते ही रह गया l
- सभी कबूतर मुखिया के एक दोस्त चूहा के घर उतर गये l
- चूहे ने अपनी पैनी दांतों से जाल को काट कर सभी कबूतरों को मुक्त कर दिया l
- सभी कबूतरों ने मुखिया कबूतर से माफ़ी मांगी और आगे हमेशा बात मानने की ठानी l
शिक्षा: हमसबों को एक साथ रहना चाहिए क्योकि कहा गया है “एकता में बल है l”
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